Suzlon : IREDA सरकारी NBFC है, जो रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट्स को फाइनेंस करती है और इसे सुजलॉन जैसे प्लेयर्स के लिए मजबूत फंडिंग पार्टनर माना जाता है। हाल के महीनों में ग्रीन एनर्जी थीम ठंडी पड़ने के बाद IREDA का शेयर 52 हफ्ते के निचले स्तर के आसपास आ गया है, जिससे इसमें रिकवरी की संभावनाओं पर जोरदार चर्चा शुरू हो गई है।
शेयर प्राइस में तेज गिरावट के बाद दबाव
4 और 8 दिसंबर 2025 के बीच IREDA का शेय़र लगभग 131–136 रुपये तक फिसल गया, जो पिछले 52 हफ्तों का सबसे निचला स्तर है। एक साल में स्टॉक करीब 36–40 फीसदी तक टूटा है, जबकि इसी दौरान सेंसेक्स ने लगभग 5–6 फीसदी पॉजिटिव रिटर्न दिया है। यानी फंडामेंटली मजबूत कंपनी होने के बावजूद प्राइस पर भारी प्रेशर दिखा है
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IREDA के नतीजे और ग्रोथ डाटा
फाइनेंशियल डाटा देखें तो IREDA के नेट सेल्स लगभग 33 फीसदी की कंपाउंड वार्षिक दर से बढ़े हैं, जबकि ऑपरेटिंग प्रॉफिट करीब 36 फीसदी CAGR से बढ़ा है। सितंबर 2025 तिमाही में कंपनी ने लगभग 2,057 करोड़ रुपये की सबसे ऊंची तिमाही सेल्स और करीब 549 करोड़ रुपये का PAT दर्ज किया, जो पिछले चार तिमाहियों के औसत से लगभग 40.7 फीसदी ज्यादा है। कंपनी का ROE करीब 13.3 फीसदी के आसपास है और स्टॉक प्राइस टू बुक वैल्यू लगभग 3 गुना के स्तर पर ट्रेड हो रहा है
रिन्यूएबल सेक्टर में IREDA की भूमिका
सरकार के 2030 तक बड़े रिन्यूएबल एनर्जी लक्ष्य के बीच IREDA जैसे संस्थान प्रोजेक्ट फाइनेंसिंग की रीढ़ माने जाते हैं। कंपनी विंड, सोलर, हाइड्रो और अन्य ग्रीन प्रोजेक्ट्स को लोन देकर सुजलॉन जैसी कंपनियों की कैपेसिटी बढ़ाने में अहम रोल निभाती है। मजबूत ग्रोथ डाटा और वैल्यूएशन के साथ, गिरते भाव पर यह स्टॉक कई निवेशकों की वॉचलिस्ट में रिकवरी कैंडिडेट के रूप में बना हुआ है
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