Adani Green से ₹1,38,10,00,000 का आर्डर मिलते ही दौड़ा शेयर! भारी डिस्काउंट पर ट्रेड कर रहा शेयर….

Adani Green : Sterling and Wilson Renewable Energy Limited (SWREL) को हाल ही में Adani Green Energy से 1,381 करोड़ रुपये का नया ऑर्डर मिला है। यह ऑर्डर गुजरात के खवड़ा क्षेत्र में ग्रिड कनेक्टेड सौर फोटोवोल्टिक (PV) परियोजना के लिए दिया गया है। SWREL इस समय खवड़ा क्षेत्र में लगभग 6 GW सौर कैपेसिटी पर काम कर रही है। कंपनी की योजना है कि 5 GW साल 2025 के फाइनेंशियल ईयर के अंदर पूरा कर लिया जाए। यह नया प्रोजेक्ट कंपनी के लिए गुजरात में अपनी स्थिति को और मजबूत करने वाला है।

कंपनी की बाजार में स्थिति

Sterling and Wilson Renewable Energy का शेयर इस ऑर्डर न्यूज के बाद चर्चा में आ गया। हालांकि, शेयर कई महीनों से डिस्काउंट पर ट्रेड कर रहा है। 29 नवंबर 2025 तक इसका भाव करीब ₹418-₹420 के आस-पास चल रहा था, जबकि पिछले 52 हफ्तों का हाई ₹515 और लो ₹290 रहा है। इसका अर्थ है कि शेयर अभी अपने उच्चतम स्तर से करीब 19% और लो से 44% ऊपर ट्रेड करता है। हालांकि ब्रोकर रिपोर्ट्स के मुताबिक, वैल्यूएशन के हिसाब से अभी इसमें और भी अपसाइड की संभावना मानी जा रही है।

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ऑर्डर बुक

SWREL के पास अभी लगभग ₹6,600 करोड़ से ज्यादा की ऑर्डर बुक है। फाइनेंशियल ईयर 2025 की Q2 तिमाही तक कंसोलिडेटेड रेवेन्यू ₹2,790 करोड़ रहा और नेट प्रॉफिट ₹62 करोड़ के आसपास दर्ज किया गया। कंपनी का ऑपरेटिंग मार्जिन करीब 9% के आस-पास रहा। हाल का ऑर्डर मिलने के बाद SWREL की ऑर्डर बुक और मजबूत हो गई है, जिससे भविष्य की ग्रोथ पॉजिटिव दिख रही है।

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सेक्टर की डिमांड

ग्रीन एनर्जी और सोलर पावर सेक्टर में भारत में भारी डिमांड है। सरकार का लक्ष्य है कि 2030 तक 500 GW रिन्युएबल कैपेसिटी स्थापित की जाए। खासतौर से सोलर प्रोजेक्ट्स में बड़े ऑर्डर मिलने से कंपनियों का रेवेन्यू और ऑर्डर बुक फास्ट ग्रो कर रहा है। Adani Green और SWREL दोनों ही इस सेक्टर के मेजर प्लेयर माने जाते हैं। Adani Green खुद भारत की सबसे बड़ी रिन्युएबल कंपनियों में शामिल है, जिसके पास 9 GW+ की सोलर और विंड कैपेसिटी ऑपरेशनल है।

मार्केट रिस्पॉन्स

ऑर्डर मिलते ही SWREL का शेयर ट्रेडिंग सेशन में करीब 4% तक उछला था, लेकिन अभी तक यह अपने फंडामेंटल फेयर वैल्यू से कम दाम पर मिल रहा है। एनालिस्ट मानते हैं कि इस प्रोजेक्ट से कंपनी के ऑपरेशनल कैश फ्लो और रेवेन्यू ग्रोथ में सुधार आएगा, जिससे लॉन्ग टर्म में शेयर वैल्यूशन बेहतर हो सकते हैं। हालांकि, वोलैटिलिटी और पेंडिंग प्रोजेक्ट डिलीवरी की वजह से किसी भी शेयर में निवेश से पहले रिसर्च जरूरी रहता है।

Disclaimer : शेयर बाजार में निवेश जोखिम के साथ होता है, इसलिए निवेश से पहले विशेषज्ञ से सलाह लें। हम जानकारी की पूर्णता या सटीकता की गारंटी नहीं देते।

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